गुरुवार, 27 अप्रैल 2017

तुम्हारी जय होवै ..

देशी कृपानिधान तुम्हारी जय होवै
निकल रही है जान, तुम्हारी जय होवै

जेड श्रेणी जेड प्लस श्रेणी वाले भगवन
पत्थर खाय जवान तुम्हारी जय होवै

अन्न उगाने वाला तिल तिल मरता है
पीता मूत किसान तुम्हारी जय होवै

योग भोग मदिरा मोटर, वैभव वालों
खा लेना इंसान तुम्हारी जय होवै

ये सारे जयकारे गाली हैं, जब तक
दुखी किसान जवान तुम्हारी जय होवै

हे जनसेवक हे दुखभंजन हे अवतारी
कहाँ आँख और कान तुम्हारी जय होवै !

- आनंद