सोमवार, 22 सितंबर 2014

बीरबल की खिचड़ी

बदले तो हैं वो
इन दिनों रखते हैं ख़ास ख़याल
जैसे कोई अनुभवी चिकत्सक पकड़ता है
हौले से मरीज़ की नब्ज़ 
पल भर में भांप लेता है उसका स्वास्थ्य 
आश्वस्त हो पूछता है हालचाल 
देता है जरुरी हिदायतें 
और चला जाता है उधर ही जिधर से आया था 
मरीज़ फिर करने लगता है इंतज़ार 
एक और कल का 

प्रेम ...
इंतज़ार की आंच पर पक रही  
अनेक काल्पनिक स्वादों वाली   
बीरबल की खिचड़ी है !

- आनंद 




बुधवार, 17 सितंबर 2014

साहस


अब जबकि एक जीवित मशीन में भरी है
सारी की सारी दुनिया
कुछ भी तो दूर नहीं है पहुँच से
विश्वव्यापी होने के सपनों को जेब में रखे
मैं अक्सर उसमें देख लेता हूँ आपको
तस्वीरों में अक्सर ढूँढता रहता हूँ
न जाने क्या क्या
दुनिया भर को प्रेम लुटाती आपकी बातें
मुस्कराहटें
सब सच लगती हैं मुझे
सच कहूँ तो मुझे आपकी मशीन वाली दुनिया
ज्यादा अपनी सी लगती है
बनिस्बत मेरी हक़ीक़त वाली दुनिया से
जिसमें
जीवन है
पत्थर की प्रतिमा पर चढ़ाये गए फूल सा
निष्प्राण … कुम्हलाया
मैं इसे "भगवान की प्रतिमा पर चढ़ाये गए फूल सा"
भी कह सकता था, …।
ये संकेत है आपके लिए
कि मैं अब उतना उदार नहीं रहा
या हो गया हूँ इतना साहसी कि कह सकूँ
पत्थर को पत्थर
दुःख को दुःख
खिलवाड़ को खिलवाड़
और प्रेम को प्रेम  !

- आनंद

शुक्रवार, 12 सितंबर 2014

स्लॉग ओवर्स

आजकल बहुत व्यस्त हूँ ,
अपनी सारी तैयारियाँ खुद कर जाना
कुछ तो आश्वस्त करता ही है
वैसे भी
मैं भविष्य के अंदेशों में नहीं जीना चाहता 
और मुझे यकीन भी नहीं है
रस्म निभाने वालों पर
असल में मुझे यकीन है ही नहीं किसी पर,


मान लो
चिता पर लिटाने के बाद भी
कोई लकड़ी
कहीं से चुभती रहे तो
क्या कर लूँगा मैं किसी का
उस वक्त फिर ...


बात केवल इतनी सी है
कि मौत के बाद फिर
मैं नहीं महसूस करना चाहता
जिंदगी के कष्ट !

- आनंद

रविवार, 7 सितंबर 2014

अंग्रेजी का एक बड़ा सकारात्मक सा लगने वाला एक शब्द है  कमिटमेंट , मुझे हमेशा विजय/सफलता की कामना और कमिटमेंट अति भौतिकवादी और अहम् को पोषित करने वाले लगते हैं ... कभी हार के देखिये ...मगर अहम् से भरी हुई हार नहीं ...वो तो जैसे ही अहम् को चोट लगेगी आपको तोड़ देगी, हारिये ऐसे जैसे जिंदगी का खेल खेलते खेलते कोई बच्चा हार जाए ..... ऐसे जैसे जीवन की कबड्डी में अपने पाले में लौटने से पहले चुनौतियों के पाले में ही सांस टूट जाए .... हारिये और उसे स्वीकार कीजिये .... उसे एन्जॉय कीजिये ..... कुछ लोग जिंदगी की हर बाजियाँ हार के भी मुस्कराते हुए मिलते हैं !
हार पर छाती पीटना बंद कीजिये और फर्क देखिये
हार को वैसे ही लीजिये जैसे जीत को लेने की योजना थी और फर्क देखिये
एक सच में कठिन काम बोलूं ...
किसी के प्रेम में खुद को और अपने अहम् को हार जाइए ......!

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तुम हार के दिल अपना ......लारे ला रे लला ला ला