मंगलवार, 28 अगस्त 2012

हाइकु -१

हाइकु 
एक संक्षिप परिचय :- हाइकु मूलतः जापान की काव्य विधा है जिसमे आज कई देशों में कवितायें लिखी जा रही हैं | इसमें  सत्रह अक्षरों में कविता लिखनी होती है | पाँच अक्षर ऊपर की पंक्ति में .फिर सात अक्षर मध्य की पंक्ति में फिर पाँच अक्षर नीचे की पंक्ति में | पाई, मात्रा और आधे शब्दों की गणना नहीं होती है !
उदाहरण के लिए एक हाइकु  देखिये
        कृपानिधान [५]
    भ्रष्टाचारियों पे भी [७]
        सर संधान   [५]
तो इस कला की मेरी सबसे पहिली कुछ हाइकु माधव को समर्पित !
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कान्हा रे कान्हा 
जब मैं बुलाऊं तो 
तुम आ जाना 
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द्वारिकाधीश 
आपके चरणों में 
है झुका शीश 
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हे रणछोर 
खींच ले दुनिया से
अपनी ओर 
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मन मृदंग
यों बाजे, बजती है 
जल तरंग
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राधा री राधा
श्याम तो तुम्हारा है
अब क्या बाधा
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माधव मेरे
माया में न भरमा
हम हैं तेरे
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जीवन की डोर
तेरे ही  हाँथों  में  है
अब ना छोड़ 
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कृपानिधान
भ्रष्टाचारियों पे भी
सर संधान
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तुझसे आस 
अंदर भी कंस हैं 
कर दे नाश 
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- आनंद
२७-०८-२०१२